जिंदगी
1 min read

जिंदगी

सुनो जरा ..
जज्बातों का खेल नहीं है
ये जिंदगी
किसी सपनो का मेल नहीं है
ये जिंदगी

जिंदगी तो मिलाती और बिछड़ती
राहों का सबब है
ठोकरों को झेल नहीं
पाती है ये जिंदगी

खुश रखना और रहना
सब अपने हाथ में है
किस्मतों पर यूं
चल नहीं पाती है ये जिंदगी

माना मुमकिन से नहीं है ये वादे
पर नामुमकिन से समझे
कहां है ये जिंदगी

जिंदगी तो जीना है
और खुशी खुशी गमों को पीना है
हार जाना कहां है ये जिंदगी

सहारो पर चलती
ठोकरों के साथ अकेलापन
हर बात पर सबक
है ये जिंदगी

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *