16 Jul, 2025

Hindi

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मैं जिंदा हूं ऐ मुसाफ़िर तू सुन ले

मैं खफा हूं

तू न चाहे मुझे तो किसी और को अब चुन ले

मैं निकाल लूंगी अपनी जिंदगी

तू फूल बन और अभी फिर खिल ले

चलो जाओ अब ये आखिरी मुलाकात होगी हमारी अभी मिल ले

हौसलो से उड़ान होती है

जब मिलने लगे हमे थोड़ी सी भी खुशियां

तो देख दुनिया बईमान होती है

जब आए मुझ पर मुसीबत तो कहने लगे सब

जिंदगी बलिदान के लिए ही होती है

वाह रे जमाने हमारी तो खुशियां ही

हमसे अनजान होती हैं

 

तलब तेरी ठहरी वरना

शराब तो मिल जाती है

गुस्ताखी हमने कर ही डाली वरना

सबाब आंखो में घुल जाती है

कमबख्त आरज़ू थी तुम्हारी

वरना बेरुखी तो हमारे पास दौड़ी चली आती है

 

मेरा हर लम्हा मेरी ख्वाहिश

मेरी जिंदगी मेरा जुनून हो तुम

मेरी आंखो में जो है कशिश

मेरी खुशी मेरी मुस्कुराहटों का  सुकून हो तुम

वो हाथों में हाथ डाले

वो रगो में दौड़ता खून हो तुम

बेइंतहा मोहब्बत की मंजिल, मौत होगी

विश्वास की हैसियत, औकात होगी

मुझे फ़र्क पड़ने लगा..

जो मेरी रूह को ज़ख्म दिया, उसका हिसाब, मेरी जात होगी

ख्वाब तो मेरा, ख्वाब ही रह गया 

जिंदगी की अब, क्या बात होगी

मैने सुना था, कुछ रिश्ते, अपनेपन के भी होते है

कुछ रिश्तों में तो उनकी तरफ से सौगात होगी

पर तुमने तो साबित ही कर दिया

मंजिल पाने के लिए..

मतलब से ज्यादा हौसलों की मात होगी

 सोच लेंगे रास्ते पर चले थे एक दिन 

शायद मंजिल साथ होगी

कभी ना कभी मेरे सपनो की बातों मै बात होगी

रुक गए रस्ते खत्म हो गई कहानी

जिंदगी की मुसीबतें वो हालात होगी

जो कभी महसूस हुआ अपना सा है कोई

वो जमाने के भीड़ में हमें समझा

उसके सामने अब मेरी क्या औकात होगी

अब मेरी क्या जात होगी

कुछ खास शब्द सिर्फ आपके लिए

मार डालेगी अदाएं आपकी
उफ़ नजरो से वार ना करो
सादगी ही जान ले रही
अब हमें मारने के लिए श्रृंगार ना करो
आंखो से पढ़ लेंगे हम सब
बातों से अपनी यूं वार ना करो
मेरी जन्नत हो तुम तुम्हे देखे बिना ना रहेंगे
यूं बेचैनियो को हमारी तार तार ना करो
शब्दों से लिहाजा समझते है सब
यूं लब्जो से कुछ भी इकरार ना करो
आसमां में नज़रे गड़ाए बैठे है हम
चांद को बोलो आसमां में हो तो क्या हुआ
यूं जमीं पर हमें बेकरार ना करो
ध्यान हटाने की कोशिश जो की है आपने
दूरियों को कहो यूं करके
गले पर हमारे तलवार ना करो
 
हर वक्त गुस्से के शिकार हुए है हम
कभी उनमें भी नादानी सी आ जाए
हम तड़पे तो उम्र भर है
यमराज को दया और
मौत तो आसानी से आ जाए
पूरी उम्र डगमग रहे है उनके पैर
शायद आखिरी बार ये चेहरा
उनके दिल को भा जाए
पूरी चाहत लगा दी थी हर एक मोड़ पर
बस आखिर में मौत,
बस इसी जवानी में आ जाए
टूट के बिखर रहा है सब
पर तुम फिक्र मत करना
कतरा कतरा बिखर गया है अब
पर तुम कदर मत करना
घुट घुट के सांसे आ रही है अब
पर तुम अगर मगर मत करना
हम लुट जाए ये बात भी अब
पर तुम किसी के लिए सबर मत करना
उम्मीदें खत्म हो गई है तुमसे अब
पर तुम इस बात की खबर मत करना
तुम अलग और मैं भी अलग अब
तोड़ तोड़ कर तुमने मुझे बस अब
हमारी तरफ नजर मत करना

नींदे उड़ी सी है अब मेरी

यूं पल पल लुटता जा रहा मन बावला सा है

अब मेरा सब कुछ पीछे छूटता जा रहा

वक्त किसी के हाथ ना आया है

अब अतीत मिटता जा रहा

जो अब है वो कीमती ठहरा

अब पीछे का सब सिमटता आ रहा…

मेरी रूह में बसते हो

कहीं भी किसी को दे दूं

इतने कहां सस्ते हो

मेरी जिंदगी में तुम्हारा ही ठिकाना है

एक बड़ी सी कामयाबी ना मिले चाहे

पर एक कामयाबी के साथ तुम्हे पाना है ..