16 Jul, 2025
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माँ

माँ एक शब्द में, सिमटा पूरा संसार है, माँ की ममता पूरे जग में आपार है, इस जमाने का मोह, आज के रिश्ते, सब व्यापर है, स्वार्थ सा मन, सब और माया, स्वार्थ ही नजर आता, सब कुछ बेकार है, माँ से कौन उलझे, मां का साया, अपनेपन से कहीं बढ़कर, माँ और बच्चे का […]