16 Jul, 2025
1 min read

संगत

तुम मशरूफ हो हम मजबूर है तुम गुनहगार हो हम बेकसूर है तुमने रिश्वत ली है जज्बातों की हम इस मामले में मगरुर है अब तुम लाचार हो हम हुज़ूर है तुम बदनाम हो हमें सुरूर है तुम प्रश्न हो हम उत्तर जरूर है हमें नाज है खुदा पर पर तुम्हे गुरूर है तुम कष्ट […]

1 min read

काश

ए काश ये जमाना समझ पाता हमे तो गम न था किराये के घर मे मालिकों का रहम न था यू समझ समझ कर कितना निभाते चले यू मतलबी दुनिया मे जहन न था यू ठोकरों पर ठोकरे खाते खाते कब तक चले यू गिर भी पड़ेगे ये वहम न था

1 min read

दहेज प्रथा

दहेज एक बेटी के साथ जुड़ा हुआ वो रिश्ता है, जिसमें एक अच्छा पिता पिसता है , दहेज मानों भीख मांगने का दूसरा रास्ता है , इसकी जड़े, इसका पेड़, बस लड़की वालो से ही वास्ता है , एक लड़की को जन्म देकर पालन पोषण भी करता है, वो घर ही बेटी के ससुराल के […]

1 min read

जिंदगी

सुनो जरा ..जज्बातों का खेल नहीं हैये जिंदगीकिसी सपनो का मेल नहीं हैये जिंदगी जिंदगी तो मिलाती और बिछड़तीराहों का सबब हैठोकरों को झेल नहींपाती है ये जिंदगी खुश रखना और रहनासब अपने हाथ में हैकिस्मतों पर यूंचल नहीं पाती है ये जिंदगी माना मुमकिन से नहीं है ये वादेपर नामुमकिन से समझेकहां है ये […]