16 Jul, 2025
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बारिश

ये जो बारिश हुई है, भीगा गई है मेरे तन को ये जो बारिश हुई है, भीगा ना पाई मेरे मन को ये जो बारिश हुई है भीग जाए इसमें धन चोबन को ये जो बारिश हुई है,, आंसुओं को ढक, दे ना सोवन को ये जो बारिश हुई है, यादें करे ताजा, बुलाए मेरे […]

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सर्द हवा

ये मौसम के फेरबदल का पहला अहसास है आज यूं सर्द हवाओं का पहला आभास है आज कुछ यादें ताजा हुई है इसे देखकर इस शुरुआती मौसम में कुछ खास है आज मैं सिमटना तो शायद नहीं चाहती इसमें पर कुछ यादें तो पास है आज चलो तुम पर भी छोड़ते है कुछ याद आया […]

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काश

ए काश ये जमाना समझ पाता हमे तो गम न था किराये के घर मे मालिकों का रहम न था यू समझ समझ कर कितना निभाते चले यू मतलबी दुनिया मे जहन न था यू ठोकरों पर ठोकरे खाते खाते कब तक चले यू गिर भी पड़ेगे ये वहम न था

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ऊबना

कोई रिश्तों से ऊबता है तो कोई रिश्तों के बदलाव से कोई विश्वास से ऊबता है, तो कोई ज्यादा ही लगाव से परेशानियां सब झेलनी पड़ती है तो सच्चे प्यार से जिसमे खुद को इतना जलाया था वो अब लम्हे है बेकार से सच जानने निकलो तो बहाने हजार से झूठ जानो तो सच्चे बीमार […]

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दहेज प्रथा

दहेज एक बेटी के साथ जुड़ा हुआ वो रिश्ता है, जिसमें एक अच्छा पिता पिसता है , दहेज मानों भीख मांगने का दूसरा रास्ता है , इसकी जड़े, इसका पेड़, बस लड़की वालो से ही वास्ता है , एक लड़की को जन्म देकर पालन पोषण भी करता है, वो घर ही बेटी के ससुराल के […]

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नई शुरुआत

आज नई शुरुआत का आगाज करते है, अपने अपने रस्तों पे राज करते है, आज तक हम कठपुतली थे, तेरे हाथो की, आज तुमने दागे झटका ही दिए, तो चलो खुद को बर्बाद करते है हम खुश है, या नहीं, इससे क्या फर्क पड़ता है, आ जाओ, तुम्हे आबाद करते है हम भी कोशिशों में […]

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माफी

जब सिर्फ माफी मांगने से रिश्ते सुधर जाए, तो सुधारा क्यों नही जाता जब किसी अपने को पुकारने से, वो जाने से रुक जाए, तो पुकारा क्यों नहीं जाता, दिल के रिश्ते बड़े सच्चे होते है अगर माफी से सुधर जाए, तो ये मौका दोबारा नहीं आता इस घमंड में कि बहुत मिल जायेंगे, इस […]

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माँ

माँ एक शब्द में, सिमटा पूरा संसार है, माँ की ममता पूरे जग में आपार है, इस जमाने का मोह, आज के रिश्ते, सब व्यापर है, स्वार्थ सा मन, सब और माया, स्वार्थ ही नजर आता, सब कुछ बेकार है, माँ से कौन उलझे, मां का साया, अपनेपन से कहीं बढ़कर, माँ और बच्चे का […]

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लगाव

ये जिंदगी के जितने बदलाव है इन सबसे ही मेरा लगाव है ………… जब जब कतरा कतरा बिखरा है हमेशा कुछ ना कुछ निखरा है ………… पर हर वक्त दिल में डर बना रहता है आस पास का समां खामोश रहने को कहता है ………… मुझे डर इस बात का नही की हम सब हार […]

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घाव

यूं घाव पर घाव देकर, जख्मों पर दवा लगाना, जरूरत पड़ने पर, यूं छोड़ कर हमे चले जाना ये तुम्हारी साज़िश है, या दुनिया की, बेजुबान अब तुम हो, या ये भी तुम्हारी दुनिया थी, सुनो भी की.. सब ने घाव बहुत दिए, और वक्त वक्त पर रौंदा है, ये साज़िश सिर्फ दुनिया की, या […]