सर्द हवा
ये मौसम के फेरबदल का पहला अहसास है आज यूं सर्द हवाओं का पहला आभास है आज कुछ यादें ताजा हुई है इसे देखकर इस शुरुआती मौसम में कुछ खास है आज मैं सिमटना तो शायद नहीं चाहती इसमें पर कुछ यादें तो पास है आज चलो तुम पर भी छोड़ते है कुछ याद आया […]
काश
ए काश ये जमाना समझ पाता हमे तो गम न था किराये के घर मे मालिकों का रहम न था यू समझ समझ कर कितना निभाते चले यू मतलबी दुनिया मे जहन न था यू ठोकरों पर ठोकरे खाते खाते कब तक चले यू गिर भी पड़ेगे ये वहम न था
दहेज प्रथा
दहेज एक बेटी के साथ जुड़ा हुआ वो रिश्ता है, जिसमें एक अच्छा पिता पिसता है , दहेज मानों भीख मांगने का दूसरा रास्ता है , इसकी जड़े, इसका पेड़, बस लड़की वालो से ही वास्ता है , एक लड़की को जन्म देकर पालन पोषण भी करता है, वो घर ही बेटी के ससुराल के […]