
लावारिस
लावारिस हूं
एक अनकही बारिश हूं
जगह मिली वहीं सोता हूं
मुझे चुपके से रोने की क्या जरूरत
दर्द हुआ वहीं रोता हूं
होती होगी सबकी सुनवाई
उन सब में मैं कहां आता हूं
सबके अलग है जीने के कारण
सबकी वेश भूषा, सबके अलग है धारण
हमारी चीख भुलाई जाती है
ठोकरों में जिंदगी मिलाई जाती है
फिर भी हौसलाे से मेरी उड़ान होगी
इस लावारिस की भी एक पहचान होगी