
माफी
जब सिर्फ माफी मांगने से रिश्ते सुधर जाए,
तो सुधारा क्यों नही जाता
जब किसी अपने को पुकारने से, वो जाने से रुक जाए,
तो पुकारा क्यों नहीं जाता,
दिल के रिश्ते बड़े सच्चे होते है
अगर माफी से सुधर जाए, तो ये मौका दोबारा नहीं आता
इस घमंड में कि बहुत मिल जायेंगे,
इस जिंदगी में, पर याद रहे
वो किसी दूसरे से विश्वास के साथ सहारा नहीं पाता,
नुकसान, तुम्हारा, तुम्हारे दिल का होगा
इसमें कुछ भी नुकसान हमारा नहीं जाता,
दिल को दुखाकर, की गलतियां,
माफी मांगने में शर्म, चोट लगी है हमे,
इसमें कुछ तुम्हारा क्यों नही जाता
अकेले रह जाओगे तुम, बिन बोले ये वक्त दोबारा नहीं आता
माफी मांगने से रिश्ते सुधरे, तो फिर सुधारा क्यों नही जाता..