
दगाबाज
लाखों खंजरों से सजा है मेरा रास्ता
एक एक की नोक अनोखी है
मेरे दिल में उबाल तो है
पर खंजरों की चीस बड़ी छोटी है
मै गुजर जाऊ, उस रास्ते से
मगर गुमनाम चेहरों को, अपनों ने दी वो, रिश्वत मोटी है
तेरे हर एक सवाल का जवाब है मेरे पास
तू नकार दे उन्हें, तू सच्चा है मगर दिखावे को
मै बोलू सच तो तेरी नियत बड़ी खोटी है
परिवार में से ही कोई अपना दगाबाज होता है
मै निकल जाऊ, अगर झूठी तो
मेरे हाथो में ये सपथ रोटी है