
एक लावारिस
देखा एक दिन चेहरा अनजाना
था सब के जैसा
पर सब के लिए बेगाना
कोई मेरा तो बन जाए
जरा खुद को मनाना
हंसी जो तेरे चेहरे पर
दिखावे को और रहा है, कितना दिखाना
झूठी है दुनिया
अपनेपन को जरा आजमाना
ठहरा लावारिस, पूरी दुनिया को चला है पीछे हटाना
दुनिया चली है नाप तोल को
जरा अपनेपन में से, लावारिस घटाना
उत्तर जो आए पूरी दुनिया से पहले
मुझे ही बताना….