एक लावारिस
1 min read

एक लावारिस

देखा एक दिन चेहरा अनजाना

था सब के जैसा

पर सब के लिए बेगाना

कोई मेरा तो बन जाए

जरा खुद को मनाना

हंसी जो तेरे चेहरे पर

दिखावे को और रहा है, कितना दिखाना

झूठी है दुनिया

अपनेपन को जरा आजमाना

ठहरा लावारिस, पूरी दुनिया को चला है पीछे हटाना

दुनिया चली है नाप तोल को

जरा अपनेपन में से, लावारिस घटाना

उत्तर जो आए पूरी दुनिया से पहले

मुझे ही बताना….

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *